Tuesday 14 October 2014

शठे शाठयम समाचरेत.. 


जब सास बहु की लड़ाई में सास का पलड़ा भारी हो तो बहु अपना गुस्सा कहाँ उतारे? उसे भी तो अपने क्रोध और क्षोभ से मुक्ति चाहिए? इसलिए उसने भी एक उपाय किया। वो उठी और पड़ोसी के घर के बाहर अपने घर का कूड़ा फैंक आई। पड़ोसी ने शालीनता से कूड़ा उठाकर डस्टबिन में डाल दिया। सिलसिला काफी दिनों तक यूँही चला।
एक दिन पड़ोसी ने बहु को बुलाया प्यार से समझाया। कोई असर नहीं हुआ। चतुर, चालाक सास बहु ने मिलकर फ़ौरन दुसरे पड़ोसियों को इक्कट्ठा किया और उलटे बेचारे पड़ोसी पर परेशान करने का इलज़ाम लगा दिया।
महिलाओं(सास-बहु) की बात पर सबको सहानभूति हुई। अब बहु को ज्यादा शय मिली। हर आये दिन कूड़ा कचरा पड़ोसी के दरवाज़े पर फैंका जाने लगा। कभी कभी तो अन्दर आँगन तक फैंक दिया। पोछे का गन्दा पानी भी डालना आरंभ किया।
अब पड़ोसी ने भी सबक सिखाने की ठानी। उसने अपने घर के बाहर दरवाज़े पर एक कुत्ता लाकर बाँध दिया। कुत्ता सुबह शाम खूब भौंकता था। काटने को दौड़ता था। उसने सबके दिन का चैन और रात की नींद हराम कर दी।
कुछ गली के कुत्ते भी आने शुरू हुए और कूड़े के ढेर को मुंह में दबाकर बहु के घर पर फैलाकर आने लगे।
धीरे धीरे बदमाश कुत्ते सारे मोहल्ले में भौंकने और उधम मचाने लगे। हर जगह गन्दगी फ़ैलाने लगे। मुहल्ले के बच्चों का घर निकलना मुहाल कर दिया। बाहर से आने वालों में खौफ पैदा किया।
सास बहु की जोड़ी फिर पड़ोसियों के घर शिकायत करने पहुंची। लेकिन अब की बार उनकी बात किसी ने ना सुनी। उलटे फटकार लगायी। बहु से ढक्कन वाला कूड़ेदान खरीद कर गली मोहल्ले में सफाई रखने का आदेश दिया।
सास-बहु की लड़ाई में अब बहु का गुस्सा घर पर ही फूटने लगा। पड़ोसी का घर आंगन भी साफ़ रहने लगा।
पड़ोसी की समझदारी काम आई। इसी बीच उसने मुनिसिपेल्टी की गाड़ी बुलवाई और आवारा कुत्ते पकड्वाकर सबकी खूब वाह वाही पायी।
अपने कुत्ते का दरवाज़े के पास पक्का घर बनवा दिया। इम्पोर्टेड बिस्कुट और दूध से उसका कटोरा भर दिया। कुत्ता भी प्रस्सन, शांत रहने लगा। अन्य पडोसी भी खुश हुए। बच्चे खेलने-खिलने लगे। बहु जब भी बाहर निकले कुत्ता गुर्राए तो बहु घर में वापिस छिप जाये।
बहु सोचे अब किसको गुहार लगाऊँ? पड़ोसी संग कैसे रिश्ते बनाऊं? जब सास से परेशान हो जाऊं तो किसके पास जाकर मन बहलाऊँ??

👉 ऊपर लिखित वाकये को भारत पाकिस्तान सीमा विवाद से जोड़कर न देखें।
कृपया बहु में नवाज़ शरीफ या किसी भी पाकिस्तानी प्रधानमंत्री छवि न ढूंढें।
😀😀😀😀

No comments:

Post a Comment