Saturday 10 May 2014

MothersDay


माँ को भी तो मेरी याद आती होगी,
अपनी दुनियां से ही शायद पर माँ,
रोज छिपकर मुझे देखती तो होगी,
वहीं से मेरे आंसू भी पोंछती होगी।
मुद्दतें हो गयी हैं माँ तुझसे जुदा हुए,
मीठी आवाज़ सुने, तेरी सूरत देखे,
फिर भी हर पल जाने क्यूँ लगता है,
जैसे तू यहीं कहीं आस-पास है माँ।

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