Saturday 11 May 2013

भगवान् क्यों नहीं आते ? 


चारों ओर हो रहा इतना त्राहिमाम-त्राहिमाम,

फिर भी क्यों नहीं हमें कहीं दिखते भगवान्?

अब हर कोई हमसे पूछे बस यही एक सवाल,

ये सब देख क्यों नहीं आते हमें बचाने भगवान्?

हमने थोडा सोचा अपने अंदर बाहर जो खोजा,

तो भई,कुछ इस तरह का मिला हमें जवाब कि-

हमने सचिन को बना डाला क्रिकेट का भगवान,

डॉक्टर को जीवनरक्षा करने वाला माना भगवान्,

अध्यापक को शिक्षा देने वाला कह दिया भगवान्,

नेता ने बागडोर थाम खुद समझ लिया भगवान्,

अपराधी बैखौफ होकर माने खुद को भगवान,

साधू जनता को मुर्ख बनाकर बन बैठे भगवान,

पुलिस ताकतवर बनकर हुई समाज की भगवान,

पति समझे खुद को महान, बना पत्नी का भगवान,

जब धरती पर पहले से ही हैं इतने सारे भगवान,

फिर क्यों हमें बचाने आयें असली वाले भगवान्?? 

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